Chhattisgarh Assembly Election CG में चुनावी संग्राम : कांग्रेस ने डिप्टी सीएम बनाकर चली चाल, नड्डा और मोदी बताएंगे काट, केजरीवाल-मान भी आएंगे
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए अब लगभग तीन महीने का ही समय शेष है और चुनावी दांवपेंच शुरू हो गया है.
Chhattisgarh Assembly Election
रायपुर. छत्तीसगढ़ में अक्टूबर में चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी. नवंबर में मतदान होगा और दिसंबर में नई सरकार का गठन हो जाएगा. ये दो वाक्य आसानी से पूरे हो गए लेकिन इसकी रूपरेखा कैसी होगी, उसकी तैयारियां सभी दलों ने शुरू कर दी है. कांग्रेस ने टीएस सिंहदेव के रूप में राज्य के पहले डिप्टी सीएम की नियुक्ति कर अपनी चाल चल दी है. इधर, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 30 जून को बिलासपुर में और पीएम नरेंद्र मोदी 7 जुलाई को रायपुर में सभा कर अपनी चाल को आगे बढ़ाएंगे. इसी महीने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दुर्ग में सभा कर चुके हैं. दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान 2 जुलाई को बिलासपुर में सभा करने जा रहे हैं.
प्रदेश में राजनीतिक दलों ने चुनाव से पहले दांवपेंच शुरू कर दिया है. चुनावी तैयारियों के लिहाज से सबसे बड़ा घटनाक्रम बुधवार को सामने आया, जब नई दिल्ली में दिनभर चली बैठक के बाद कांग्रेस आलाकमान ने टीएस सिंहदेव को डिप्टी सीएम बनाने का ऐलान किया. सिंहदेव को मुख्यमंत्री का दावेदार माना जाता रहा है. वे समय-समय पर मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जाहिर का चुके थे. उनके चुनाव लड़ने, न लड़ने या दूसरे दल में जाने जैसी तमाम बातें होती रहती थीं. ऐसे समय में कांग्रेस आलाकमान ने डिप्टी सीएम बनाने का दांव चलकर एक तरह से पॉवर बैलेंस के साथ ही एक बड़े वर्ग को साधने की कोशिश की है, जिससे सब साथ मिलकर चुनाव में हिस्सा लें. आने वाले समय में प्रदेश कांग्रेस कमेटी में भी इसी तरह के बदलाव देखने को मिल सकते हैं.
कमजोर भाजपा में जान फूंकने की कोशिश
राज्य में 15 साल तक सत्ता चलाने के बाद अजेय होने के दिवा स्वप्न में जी रही भाजपा को 2018 में बड़ा झटका लगा था. अप्रत्याशित रूप से इस चुनाव में भाजपा 15 सीटों पर सिमट गई. इनमें भी कुछ सीटें ऐसी थीं, जो जोगी कांग्रेस और बसपा गठबंधन के कारण बने त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति के कारण मिली थी. इसके बाद साढ़े चार साल तक भाजपा कार्यकर्ताओं में निराशा के भाव ने घर कर लिया. आलम यह है कि चुनाव सिर पर है, फिर भी सत्ता परिवर्तन का भाव कार्यकर्ताओं के मन में नहीं आया है. इन कार्यकर्ताओं में जान फूंकने के लिए 30 जून को जेपी नड्डा बिलासपुर में सभा करेंगे. वहीं 7 जुलाई को पीएम नरेंद्र मोदी की सभा होगी.
क्या तीसरी ताकत के रूप में उभरेगी आप
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद कांग्रेस और भाजपा में ही मुख्य रूप से मुकाबला रहा. कुछ सीटों पर बसपा और कुछ सीटों पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का प्रभाव रहा. 2003 के चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की जोरदार चर्चा रही. हालांकि उस समय इसकी भूमिका वोटकटवा की रह गई और उसका लाभ भाजपा को मिला. 2018 के चुनाव में पहली बार जोगी कांग्रेस और बसपा गठबंधन ने 7 सीटें जीतीं. इसमें पांच सीटें जोगी कांग्रेस की थी. वोट प्रतिशत के आधार पर क्षेत्रीय दल का दर्जा भी मिला था. हालांकि अब जोगी कांग्रेस की स्थिति अच्छी नहीं है. ऐसे समय में आम आदमी पार्टी की भूमिका काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. यही वजह है कि दूसरी बार अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान छत्तीसगढ़ आ रहे हैं. इस बार वे बिलासपुर में सभा लेंगे.